Saturday, 16 January 2021

अफ्रीका महाद्वीप -विश्व का भूगोल

एशिया के बाद सबसे बड़ा महाद्वीप अफ्रीका है अर्थात विश्व का द्वितीय सबसे बड़ा महाद्वीप अफ्रीका महाद्वीप है ।जबकि प्रथम सबसे बड़ा महाद्वीप एशिया है। अफ्रीका को पठारो का महाद्वीप भी कहते हैं। पृथ्वी के संपूर्ण स्थल क्षेत्र का 20% अफ्रीका में है। लेकिन इसकी जनसंख्या भारत की जनसंख्या के लगभग 3/ 5 भाग है। अफ्रीका महाद्वीप उष्ण कटिबंध और शीतोष्ण कटिबंध में स्थित है। अफ्रीका महाद्वीप यूरोप से भूमध्य सागर द्वारा तथा एशिया से अरब सागर द्वारा अलग होता है फिर भी यह तीनों स्थानों पर यूरेशिया महाद्वीप के बहुत ही निकट है।

 उल्लेखनीय है कि उत्तर पश्चिम में जिब्राल्टर जलसंधि उत्तर-पूर्व में स्वेज नहर तथा पूर्व में बावल  एल मंडेव जलसंधि से यह यूरेशिया से निकट है।
 
भूमि- 
अफ्रीका में कई पठार हैं। लगभग पूरा अफ्रिका एक विशाल पठार जैसा दिखाई पड़ता है।विषुवत  रेखा के निकट पठार के पूर्वी भाग में कुछ ज्वालामुखी पर्वतों के शिखर विद्यमान हैं और यहीं पर अफ्रीका का सबसे ऊंचा शिखर स्थित है । अफ्रीका का सर्वोच्च शिखर किलिमंजारो पर्वत यही है और यह वर्ष भर हीम से ढका रहता है। अफ्रीका के उत्तर पश्चिम में एटलस पर्वत श्रेणी का विस्तार है और इसके दक्षिण पूर्वी भाग में  ड्रैकेसबरग पर्वत का विस्तार है। अफ्रीका का एक विशेष भौतिक विशेषता यहां की महान भ्रंश घाटी है और यह भ्रंश घाटी यहा धरातल में दरार या भ्रंश पडने से बनी लंबी और गहरी घाटियां हैं। यह लंबी श्रृंखला में है जो मलावी झील के दक्षिण से उत्तर में लाल सागर ,स्वेज की खाड़ी और अकाबा की खाड़ी से होते हुए मृत सागर तक विस्तृत है। विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी झील है। नील नदी इसी झील से निकलती है। उल्लेखनीय है कि नील नदी संसार की सबसे लंबी नदी है ।नील नदी विषुवत वृत्त के निकट के भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से निकलकर उत्तर की ओर बहती है और भूमध्य सागर में गिरती है। अफ्रीका की दूसरी मुख्य नदी  जायरे  हैं जो मध्य अफ्रिका में बहती है इसे इसके अंतिम भाग में कांगो नाम से भी जाना जाता है ।अफ्रीका के पश्चिम भाग में नाइजर नदी तथा दक्षिण भाग में जंबेजी और ऑरेंज अन्य महत्वपूर्ण नदियां हैं। अफ्रीका के नील और जायरे नदी को छोड़ दिया जाए तो अफ्रीका की कोई दूसरी नदिया नाव  चलाने के योग्य नहीं है। अफ्रीका का लगभग एक तिहाई भाग मरुस्थल है। सहारा संसार का सबसे बड़ा मरुस्थल है और यह उत्तरी अफ्रीका में विस्तृत है। दक्षिण अफ्रीका में कालीहारी दूसरा महत्वपूर्ण मरुस्थल है।

जलवायु और प्राकृतिक वनस्पति-

अफ्रीका का अधिकांश भाग उष्णकटिबंधीय भाग में फैला है ।सब महाद्वीपों में उष्णकटिबंधीय परिस्थितियों का सबसे ज्यादा विस्तार अफ्रीका में ही आप देखेंगे। जिसके कारण जहां पर अत्यंत ही ऊंचा तापमान रहता है। संसार की सर्वाधिक गर्मी तापमान यहीं पर दर्ज है।

 जल- 
अफ्रीका महाद्वीप का बहुत बड़ा भाग सूखा है बावजूद बहुत से भागों में वर्षा होता है। यहां पर ऐसी कई नदियां है जो साल भर भारी मात्रा में वर्षा का जल बहाकर ले जाती हैं। इस जल का अधिकांश भाग सिंचाई के काम आता है ।बहुत सी ऐसी यहां पर नदियां हैं जो जलप्रपात की श्रृंखला भी बनाती हैं। जंबेजी  नदी पर निर्मित करीबा बांध से अफ्रीका में सबसे अधिक जल विद्युत पैदा की जाती है ।मिस्र देश में नील नदी पर निर्मित असवान बांध अफ्रीका का एक अन्य बड़ा बांध है।

 खनिज- अफ्रीका में अनेक बहुमूल्य खनिज पाए जाते हैं ।संसार के देशों में सोना, हीरा ,प्लेटिनियम के उत्पादन में अफ्रिका का अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका है।

 

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